Kishan Diwas 2023 Speech | Kishan Diwas Par Bhashan| Speech On Kishan Day

National Farmers day 2023 | Rastriya Kishan Diwas 2023 Speech In Hindi | Essay On National Kishan Day 2023

Kishan Diwas par bhashan

 

राष्ट्रीय किसान दिवस 2023 को सम्पूर्ण भारत श्री चौधरी चरण सिंह को याद करता है। श्री चौधरी चरण सिंह पूर्ण प्रधानमंत्री के रूप भारत में जाने जाते हैं। चौधरी चरण सिंह ने राष्ट्र सेसंबंधित प्रत्येक समस्या का गहराई से विचार किया है और उन समस्याओं का समय रहते समाधान भी किया है। श्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत में आर्थिक विकास, ग्राम विकास, जाति मजदूर वर्ग भूमि सुधार, अल्पसंख्यक, शहरी समस्या, भाषा , राष्ट निर्माण एक योग्य प्रशासक के रूप में किसान नेता, समाज सुधारक, भ्रष्टाचार के सख्त विरोधी एक विरोधी नेता के रूप में एक संसद सदस्य के रूप में आज भी जाना जाता है।

23 दिसम्बर को हर वर्ष किसान दिवस के रूप् में मनाया जाता है। 23 दिसम्बर को चौधरी चरण सिंह जी का जन्म दिवस होता है। चौधरी चरण सिंह जी के योगदान को याद रखने के लिए भारत में राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है।

इस पोस्ट में राष्ट्रीय किसान दिवस पर भाषण या राष्ट्रीय किसान दिवस 2023 पर निबंध प्रस्तुत किया जा रहा है। नीचे लेख को पूरा पढ़कर आसानी से किसान दिवस भाषण तैयार किया जा सकता है। साथ चौधरी चरण सिंह की जीवनी पर भी निबंध या लेख दूसरे तक पहुचाया जा सकता है।

गांव की पृष्ठभूमि से अपने जीवन के रास्ते की लम्बी या़त्रा कर देश के राजनीतिक आकाश में नक्षत्र बनने वाले तथा अपने जीवनकाल में ही व्यक्ति से विचाराधारा में बदल जाने वाले व्यक्ति का नाम है चौधरी चरण सिंह। राजनीति के ऐसे महापुरूष का जन्म 20वीं सदीं में मेरठ जिले के गाव नूरपूर में एक साधारण किसान परिवार में 23 दिसम्बर 1902 केा हुआ था। चौधरी चरण सिंह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक ऐसे नेता थ ेजिन्हे किसान समस्या और ग्राम्य जीवन का बहुत अधिक ज्ञान था। उन्होंने गांधी के उस आखिरी आदमी के दुख दर्द जिसके चलते वह गरीबी और भूखमरी की बदहाल जिन्दगी जीने को मजबूर था के शोषण को बहुत नजदीक से देखा, पहचाना। यही कारण था कि किसानों, मजदूरों, गरीबों और समाज के दबु हुए लोगों के प्रति और उनके अधिकारों की खातिर संघर्ष की भावना उनके जीवन पर्यन्त मौजूद रही। इसी लक्ष्य की प्राप्ति की खातिर वह अन्तिम समय तक संघर्षरत रहे।

चौधरी चरण सिंह की शिक्षा |Kishan Diwas 2023 Speech | Kishan Diwas Par Bhashan| Speech On Kishan Day-

चौधरी चरण सिंह गांव से प्राथमिक शिक्षा पाकर तथा आगरा से 1923 में थी। बीएससी 1925 में एमए इतिहास और 1926 में लखनऊ विश्वविद्वालय से एलएलबी की परीक्षा पास की।चौधरी चरण सिंह को वकालत रास नहीं आई और वह देश के रार्ष्टीय आंदोलन में कूद पड़े।

चौधरी चरण सिंह का राष्ट्रीय आंदोलन में योगदान|Kishan Diwas 2023 Speech | Kishan Diwas Par Bhashan| Speech On Kishan Day-

1930 में वह महात्मागांधी द्वारा चलाय ेगये नमक सत्याग्रह में जेल जाने से ही उनकी राजनीतिक यात्रा का दौर शुरू हुआ जो 29 मई 1987 को जाकर समाप्त हुआ।

इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में संसदीय सचिव, कृषि, विधि, न्याय, सूचना, वन, पश्ुापालन, एवं राजस्व मंत्री, मुख्यमंत्री, जनता पार्टी की सरकार में केन्द्र में गृहमंत्री, वित्त मंत्री व उपप्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री पद का भी दायित्व संभाला।

चौधरी चरण सिंह कि किसानो के लिए योगदान |Kishan Diwas 2023 Speech | Kishan Diwas Par Bhashan| Speech On Kishan Day-

किसानों की समस्याओं के बारे में चौधरी चरण सिंह का चिंतन था कि एक गा्रमीण या किसान की समस्याओं को वही अधिकारी, व्यकित हल कर सकता है जिसकी सोच वस्तुओं के प्रति किसाने जैसी हो। इसी विचार के तहत उन्होंने 50 प्रतिशत उच्च प्रशासनिक पद खेतिहर अथवा ग्रामों के निवासियों के लिए आरिक्षत करने की बात कही। उनके मन के किसानों के लिए हमदर्दी इसी बात से जाहिर होती है कि उन्होंने इस बारे 1939 में उत्तर प्रदश्ेा की धारा सभा में एक प्रस्ताव तक पेश कर डाला। इसमें उन्होंने किसानों की संतान के लिए आरक्षण क्यों? के विभिन्न पहलुओं पर तथा उसकी आवश्यकता और महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

सन् 1939 में चौधरी चरण सिंह ने धारा सभा में ऋण निर्याेचन विधेयक पारित करवाया जिसके फलस्वरूप प्रदेश के लाखों गरीब किसान ऋण से मुक्त हो सके। इसके अलावा उन्होंने जीवन में जो महत्वपूर्ण कार्य किया है वह है जमींदारी उन्मूलन ।

चौधरी चरण सिंह की बायोग्राफी Kishan Diwas 2023 Speech | Kishan Diwas Par Bhashan| Speech On Kishan Day-

चौधरी चरण सिंह की भूमि सुधार नीति-

चौधरी चरण सिंह को बहुत से लोगों कुलको (अमीर किसान) का नेता कहते हैं। उनके कहने का अर्थ यह है कि मैं धनी किसानों का प्रतिनिधित्व करता हूं। उनके कहने का अर्थ यह है कि मैं धनी किसानों की प्रतिनिधित्व करता हूं। मेरी पूरी जिन्दगी, लेखनी एवं उत्तर प्रदेश में मंत्री के बतौर , कार्य, इस झूठे दोषारोपण की गवाही है। उत्तर प्रदेश में मंत्री के बतौर, कार्य, इस झूठे दोषारोपण की गवाही है। उत्तर प्रदेश ही एक मात्र ऐसा राज्य है जिसने मेरे जिहाद के कारण जमींदारों का दुबारा जमीन पर कब्जा नहीं होने दिया। चौधरी चरण सिंह भूमि सुधार एवं होल्डिंग को सीमाबद्ध करने के पक्ष में । जिसका सिद्धांत यह है कि जमीन का बंटवारा इ सतरह से हो कि उसका प्र्रबंधक परिवार, बिना मजदूरों को बहाल किए या बुआई कटाई का विरोधी हूं, जो भूमि-औद्योगिक समूहों पर खेती करने से अनेक कारणों से अलग हैं। भारतीय किसानों को अपनी जमीन से काफी लगाव होता है।

चौधरी चरण सिंह संक्षिप्त जीवन परिचयChowdary Charan Singh Biography |Kishan Diwas 2023 Speech | Kishan Diwas Par Bhashan| Speech On Kishan Day-

चौधरी चरण सिंह 1937 से लेकर 1987 तक राजनीति में विभिन्न पार्टी की सरकार में वे गृहमंत्री, वित्त मंत्री, तथा जुलाई 1979 में प्रधानमंत्री के पद तक रहे। दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे, लेकिन चौधरी चरण सिंह पर कभी भी भ्रष्टाचार क आरोप नहीं लगे। चौधरी चरण ने राजनीति में भी व्यापक सुधार किए । वे राजनीति में अपनी पार्टी के भ्रष्ट व्यक्ति, भ्रष्टमंत्री को सहन नहीं करते थे। वे अन्याय, शोषण व भ्रष्टाचार के योद्धा थे। उनकी छवि बहुत ही प्यारी थी। इसलिए चौधरी चरण सिंह का राजनैथ्तक जीवन बहुत ही ईमानदार था। इससे हमें शिक्षा मिलती है कि हम चौधरी साहब के बताये हुऐ रास्ते पर चलकर ही देश और समाज के बारें में सोच सकते थ। उनका सार्वजनिक जीवन और निजी जीवन में कोई अन्तर नहीं था ।वह कोई भी फैसला लने से पहले अपने छौअे से छोटे कार्यकर्ता से पूछता था चाहे फैसला उनका अपना होता था। इसलिए उनका जीवन एक खुली किसान किताब की तरह था।

आगे चौधरी चरण सिंह ने राजनीति व समाज में विभिन्न प्रकार के सुधार किए हैं। सबसे पहले चौधरी चरण सिंह ने अर्न्तजातिय विवाह के बारे में कहा है । क्योंकि इससे समाज में फैली हुई जातियता का जहर खत्म किया जा सकता है। चौधरी चरण सिंह ने अगला सामाजिक कार्य जो किया वह गांव में अशिक्षा को दूर करने के लिए स़्त्री शिक्षा को बढ़ावा दिया। वे आर्य सामाजी होने के कारण मद्वपान के सख्त खिलाफ थ। उन्होंने समाज और गांवों मे फैली अनेकों बुराईयों को दूर करने के लिए जीवन भर संघषै करते रहें जैसे जातिवाद, अशिक्षा, बेरोजगारी, जनसंख्या नियन्त्रण, गरीब दलितों व मजूदरों एवं छोटे किसानों की असमस्याअेां के साथ वे झुझते रहें।

Post a Comment

Previous Post Next Post